बुधवार

हिंदी हमारी भाषा है.....

हिंदी हमारी भाषा है 
मेरी प्रथम अभिलाषा है,
भारत देश के गरिमा की 
यही परिष्कृत परिभाषा है।
हिंदी हमारी भाषा है..

जिसको अपनी भाषा का 
ज्ञान नहीं सम्मान नहीं,
बेड़ियों में बँधी हुई
उसकी हर प्रत्याशा है।
हिंदी हमारी भाषा है..

पर भाषा पर संस्कृति से
इसको कोई गुरेज़ नहीं,
हर भाषा-शब्द आकर इसमें
लवण सदृश घुल जाता है।
हिंदी हमारी भाषा है..

हिन्दुस्तान की जान है हिंदी
हम सबका अभिमान है हिंदी,
आओ सब मिल गर्व से बोलें
यही भविष्य की आशा है।
हिंदी हमारी भाषा है..

अपने-पराए के भेद-भाव का
इसमें कोई भाव नहीं
नुक्ता जो क़दमों में पड़ी हुई
उसको मस्तक पे सजाता है।
हिंदी हमारी भाषा है..

सबको संग ले चलने वाली
क्षेत्रीय भाषाओं में घुलने वाली
देश का हर भाषा-भाषी
इससे खुद जुड़ जाता है।
हिंदी हमारी भाषा है..
मालती मिश्रा

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति मालती जी।

    पर भाषा पर संस्कृति से
    इसको कोई गुरेज़ नहीं,
    हर भाषा-शब्द आकर इसमें
    लवण सदृश घुल जाता है।
    हिंदी हमारी भाषा है..

    बहुत सुंदर रचना
    आपके ब्लॉग पर देर से आये है पर कोशिश करेगे निरंतरता बनी रहे,आपकी रचनाओं को पढ़ते रहे।

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    उत्तर
    1. ब्लॉग पर आपका स्वागत है श्वेता जी। आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए अनमोल है। उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया।

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