ब्लॉग की संचालिका मालती मिश्रा का जन्म संत कबीरनगर उत्तर प्रदेश में हुआ किन्तु पिता जी कानपुर में सरकारी नौकरी करते थे, जिस कारण इनकी परवरिश और शिक्षा-दीक्षा कानपुर उत्तर प्रदेश में हुई तथा उच्च शिक्षा दिल्ली से प्राप्त की। वर्तमान में यह दिल्ली में निवास करते हुए साहित्य सेवा कर रही हैं। हिन्दी के प्रति इनका विशेष झुकाव बचपन से ही रहा है। ये गद्य की सभी विधाओं तथा छंदाधारित, छंदमुक्त कविताओं और मुख्यत: कहानी लेखन की विधा में सिद्धहस्त हैं।
मालती मिश्रा जी की छ: पुस्तकें (पेपरबैक) और दो ई-बुक अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं। साहित्य के क्षेत्र में कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं और समाचार-पत्रों में इनके आलेखों और रचनाओं का प्रकाशन अनवरत जारी है।
इनकी प्रकाशित पुस्तकें-
अन्तर्ध्वनि (काव्य संग्रह) 2017
मैं ही साँझ और भोर हूँ (काव्य संग्रह) 2019
उद्गार मयंती के (काव्य संग्रह) 2021
इंतजार 'अतीत के पन्नों से' (कहानी संग्रह) 2018
वो खाली बेंच (कहानी संग्रह) 2020
अधूरी कसमें (कहानी संग्रह) 2020
नीली डायरी (ई-बुक) कहानी
मैं ही साँझ और भोर हूँ (ई-बुक) (काव्य संग्रह)
प्रकाशनाधीन- एक कहानी संग्रह, एक संस्मरण संकलन तथा पाँच उपन्यास
साझा संग्रह
साहित्य समिधा, सृजन गुच्छ प्रथम, सृजन गुच्छ द्वितीय, अटल आह्वान, मगसम द्वारा माँ आधारित संकलन, पूर्वोत्तर भारत और हिन्दी (शोध परक लेख) आदि ) इनसे हैं हम ऐतिहासिक पुस्तक
कई पत्रिकाओं एवं अखबारों में रचनाएँ व आलेख प्रकाशन अनवरत।
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