गुरुवार

मैं.. सिर्फ मैं हूँ

मैं.. सिर्फ मैं हूँ
मैं आज की नारी हूँसक्षम और सशक्त हूँ,शिक्षित और जागृत हूँसंकल्पशील आवृत्ति हूँ।नारी की सीमाओं सेमान और मर्यादाओं से,पूर्ण रूर्पेण परिचित हूँ।परंपरा की वाहक हूँसंस्कृति की साधक हूँ,घर-बाहर के दायित्वों कीअघोषित संचालक हूँ।पढ़ी-लिखी परिपूर्ण हूँस्वयं में संपूर्ण हूँ,गलतियों...