मंगलवार

लॉकडाउन में स्त्रियों की स्थिति

लॉकडाउन में स्त्रियों की स्थिति
लॉकडाउन में महिलाओं की स्थिति सोशल मीडिया के दौर में लॉकडाउन पर भी तरह-तरह के विचार तरह-तरह के अनुभव जानने को मिल रहे हैं। सोचती हूँ यही लॉकडाउन अगर अब से दस-पंद्रह वर्ष पहले होता तो उस समय कैसा अनुभव होता। लोग तब भी घरों में ही रहने पर विवश होते जैसे कि आज हैं लेकिन...

सोमवार

मैं खो गई

मैं खो गई
आज देखी तुम्हारी हँसती खिलखिलाती बचपन की तस्वीर और आँखों में तैर गया तुम्हारा वही खुशमिजाज आज का चेहरा बिल्कुल भी तो नहीं बदली तुम हाँ.. पर मैं बदल गई खो गई कहीं जीवन के झंझावातों में निर्जीव रिश्तों के शव को कांधे पर ढोते हुए भूल गई अपना ही मुस्कुराता चेहरा भूल गई कैसी...

शुक्रवार

भूल के सारे भेद लड़ो

भूल के सारे भेद लड़ो
भूल के सारे भेद लड़ो सब अभी इसी बीमारी से, जंग छिड़ी है आज विश्व की कोरोना महामारी से। देखे न यह जाति पंथ और देखे न यह धर्म कोई बूढ़ा बच्चा या जवान हो, नर नारी या शिशु कोई नहीं किसी से इसे मित्रता राजा हों या भिखारी से जंग छिड़ी है आज विश्व की कोरोना महामारी...