शुक्रवार

आजा मैया मेरे द्वार

 


मन मेरा माँ रहा पुकार

आजा मैया मेरे द्वार।।

दुर्भावों का कर संहार

भर दे  मैया ज्ञान अपार।।


अँखियाँ तुझको रहीं निहार

चाहूँ दर्शन बारंबार।।

मुझ पर कर मैया उपकार

सदा करूँ तेरा सत्कार।।


कभी न छूटे तेरा आस

तुझमें अटल रहे विश्वास।।

मन मेरा तेरा आवास

बस तेरी ममता की प्यास।।


सदा करूँ विद्या का दान

जननी जन्मभूमि का मान।।

कभी न हो कोई अभिमान

माँ ऐसा दे दो वरदान।।


मालती मिश्रा 'मयंती'✍️

2 टिप्‍पणियां:


  1. जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    18/10/2020 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......


    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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