शुक्रवार

स्कूलों की कामयाबी

स्कूलों की कामयाबी
मिशनरी स्कूलों की कामयाबी अपार जुबाँ पर शहद और दिल में तलवार दिखा कर प्यार ये करते हैं वार ले करके आड़ ये परोपकार का निरंतर रहे हैं अपना जीवन सँवार उत्कृष्ट ज्ञान का करते हैं दावा उत्तम शिक्षा का करते ये दिखावा समाज-सेवा का चढ़ा हुआ है खोल गौर से देखो तो ढोल में मिलेगा...

रविवार

हिंदी तुझ पर क्यों है बिंदी.....

हिंदी तुझ पर क्यों है बिंदी.....
हिंदी !!!!! तुझ पर कितनी बिंदी...... क्यों नहीं हटा देती इसको ? बिन बिंदी और बिन नुक्ता के सीधी-सरल और स्वच्छ क्यों नहीं बना लेती खुद को.. हिंदी बोली सुन इंसान!!!! हिंदी के मस्तक पर बिंदी हिंदी का गर्व और शान नुक्ता चरणों में गिरकर  बना गया अपनी पहचान बिंदी...

शनिवार

कामयाबी

कामयाबी
           कामयाबी रोने से तकदीर बदलती नहीं है, वक्त से पहले रात ढलती नहीं है | दूसरों की कामयाबी लगती है अासान मगर, कामयाबी रास्ते में पड़ी मिलती नहीं है | मिल जाती कामयाबी इत्तफ़ाक से अगर, सच भी यही है कि वह पचती नहीं है | कामयाबी पाना...

मंगलवार

तन्हाई......

तन्हाई......
कितनी दूर हूँ सबसे ये सबको कहाँ मालूम कितने पास हूँ खुद से ये मुझको कहाँ मालूम एक आग है मुझमें ये सबको पता है मन क्या चाहता है ये मुझको पता है संवेदनाओं का समंदर सिकुड़ना चाहता है आशाओं का किनारा विस्तार चाहता है इस जीवन संग्राम में लड़ना चाहती हूँ नजरअंदाज कर दुखों...

रविवार

इंतजार

इंतजार
  दोपहर की चिलचिलाती धूप मानों शरीर के भीतर के खून को भी उबाल रही थी, ऐसी तपती दुपहरी में रामधनी काका न जाने कहाँ से लाठी टेकते हुए चले आ रहे थे.....कमर इतनी झुकी हुई कि लाठी के सहारे अर्धवृत्ताकार आकार बन गए थे, काया इतनी शुष्क कि ऐसा प्रतीत हो रहा था कि...