मंगलवार

आगे बढ़ता चल

आगे बढ़ता चल
जीवन एक संग्राम है, लड़ना तेरा काम है बिना थके बिना रुके  बढ़ता चल चलता चल दुष्कर हैं राहें तो क्या,  पथ में बिछे हों कंटक तो क्या अदम्य साहस और धैर्य से राहों को सरल बनाता चल कंटक को पुष्प समझ उनको चुनता चल आगे बढ़ता चल,  चलता चल....चलता चल....... मालती...

शनिवार

रिश्तों के बिगड़ते चेहरे

रिश्तों के बिगड़ते चेहरे
अक्सर समाचार-पत्रों में, टी०वी० समाचार में ये पढ़ने और देखने को मिलते हैं कि बेटे ने बूढ़े माँ-बाप को घर से निकाल दिया, या माँ-बाप को प्रताड़ित करते हैं या वृद्धाश्रम में छोड़ दिया आदि-आदि। सचमुच बहुत ही दुःख की बात है जो माता-पिता अपना खून-पसीना एक कर न जाने कितनी मुश्किलों...

बुधवार

न्याय की देवी

न्याय की देवी
ये कानून की अंधता नहीं तो और क्या है कि आतंकियों को मारने वाला 9 साल जेल में रहता है और आतंकियों के समर्थक ओवैसी,कन्हैया,उमर खालिद और उनको संरक्षण देने वाले केजरी, राहुल गाँधी आदि पूरी सुरक्षा और सुविधाओं के साथ स्वतंत्र घूमते हैं। न्यायालय में न्याय की देवी  रहती...

सोमवार

कर्तव्यविहीन

कर्तव्यविहीन
आज का व्यक्ति क्या चाहे  बिना परिश्रम सुुख बेशुमार कर्तव्यों को दिया बिसार  पाना चाहे सम्पूर्ण अधिकार कभी आरक्षण और कभी  मुफ्त बाँटने वाली सरकार देश चाहें सशक्त और विशाल कर चुराकर चाहें   घर में हो टकसाल पथभ्रमित हो चुके मानव की इन ख्वाहिशों...

शनिवार

भारत की जय न बोलेगा

भारत की जय न बोलेगा
खा कर भारत माँ का अन्न, पीकर के इसका ही नीर प्राण वायु के लिए चाहिए, इसी देश का सुरभित समीर। विधना ने तुझको भेजा जहाँ, वो भी तो है हिंद की जमीं  मातृभूमि का अपमान करके, तेरी सांसें क्यों न थमीं। जिस माँ ने तुझको जन्म दिया, तूने उसको दुत्कार दिया गर मातृभूमि की जयजयकार,...