जीवन एक संग्राम है,
लड़ना तेरा काम है
बिना थके बिना रुके
बढ़ता चल चलता चल
दुष्कर हैं राहें तो क्या,
पथ में बिछे हों कंटक तो क्या
अदम्य साहस और धैर्य से
राहों को सरल बनाता चल
कंटक को पुष्प समझ उनको
चुनता चल आगे बढ़ता चल,
चलता चल....चलता चल.......
मालती...
आगे बढ़ता चल
