मंगलवार

भारतीय संस्कृति संस्थान

प्र. संघ क्या है?
उ. संघ एक देशव्यापी "सामाजिक-सांस्कृतिक" संगठन है, जो समाज मे एक संगठन ना बनाकर संपूर्ण समाज को ही संगठित करने का कार्य करता है।
प्र. संघ का उद्देश्य क्या है?
उ. भारत को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र के रूप मे विश्व पटल पर स्थान दिलाना।
प्र. यह लक्ष्य संघ कैसे प्राप्त करेगा?
उ. व्यक्ति को समाज के बारे मे संवेदनशील और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना जाग्रत करके और सक्रिय बनाकर।
प्र. संघ का राजनीति से क्या रिश्ता है?
उ. भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए जो दल नैतिक मानदंडो और श्रेष्ठ रास्तो पर चलता है, संघ उसका समर्थन करता है और व्यक्ति निर्माण के माध्यम से ऐसे ऐसे राष्ट्र भक्त लोगो को शाखा के माध्यम से तैयार करता है।
प्र. भाजपा से संघ का रिश्ता है?
उ. करीब 35 स्वतंत्र संगठन संघ मे है, इसी मे एक राजनीतिक दल भी है, जो भी दल राष्ट्र को सर्वोत्कर्ष पर ले जाने के लिए कार्य करेगा, उसको संघ का साथ मिलेगा। भाजपा की विचारधारा संघ से मिलती है इसलिए संघ आवश्यकतानुसार उनका मार्गदर्शन करता है। संघ पूर्णतः किसी एक दल के लिए कार्य नहीं करता है।
प्र. संघ केवल हिंदू संगठन की ही बात क्यों करता है, क्या यह धार्मिक संगठन है?
उ. सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यही है क्योंकि आज कई राजनैतिक दल इसकी गलत व्याख्या कर रहे हैं। हिंदुत्व एक जीवन दृष्टि और विचारधारा है -"Hindutwa is a Way of Life."
हिंदू कोई धर्म नहीं है। हम जानते है कि एक ही चैतन्य भिन्न भिन्न रूपो में व्याप्त है, विविधता में एकता, भारत के जीवन मूल्यों को अपने आचरण से प्रतिष्ठित करने वाला व्यक्ति हिंदू है, चाहे उसका उपासना पंथ या ग्रंथ कुछ भी हो। धर्म बदलने से जीवन के ध्येय नहीं बदलते। मुस्लिम, ईसाई सब यदि जीवों के कल्याण और रक्षा एवं आत्मा की पवित्रता में विश्वास रखते हैं तो वे सब भी हिंदू जीवन दर्शन की परंपरा के अनुरूप ही माने जा सकते हैं, इसलिए किसी भी मज़हब को मानने वाला हो वो भी संघ में आ सकता है, केवल उसकी विचारधारा में राष्ट्रभक्ति और सभी धर्मों और समाजों के प्रति संवेदनशीलता होनी चाहिए और इसी का निर्माण शाखा के माध्यम से किया जाता है।
प्र. क्या संघ का गणवेश(यूनीफॉर्म) बाधा नहीं है?
उ. बिल्कुल नहीं, क्योंकि गणवेश का आकर्षण नहीं, बल्कि समाज एवं राष्ट्क के लिए नि:स्वार्थ भाव की प्रेरणा यहाँ से मिलती है।
प्र. शाखा क्या है?
उ. पवित्र एवं निःस्वार्थ उद्देश्यों पर आधारित नैतिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय मूल्‍यों का निर्माण करने की साक्षात् प्रयोगशाला है, जिसमें शिक्षक संघ के स्वयंसेवकों को संस्कारित करने का सतत और समर्पित होकर कार्य करते हैं।
प्र. हिंदू राष्ट्र क्या है ?
उ. एक सनातन जीवन पद्धति जो भारत में विकसित हुई है। शिक्षित-अशिक्षित, संपन्न-विपन्न ( निर्धन) सबको जोड़ने वाली संस्कृति ही भारत की पहचान है और इस जीवन पद्धति को अपनाने वाले को विश्व में "हिंदू राष्ट्र" (सबको साथ लेकर चलने वाला, सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा को मानने वाला) के रूप में जानते हैं।
प्र. वैश्वीकरण(ग्लोबलाइजेशन), अँग्रेज़ी माध्यम और स्वयं सेवक के विषय में क्या विशेष?
उ. आज का युवा अपनी प्राचीन धरोहर को संजोने को आतुर है और संघ में लगातार अँग्रेज़ी माध्यम के छात्र भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
उपेक्षा, उपहास और विरोध से विचलित हुए बिना शांति और शालीनता से अपने कर्म पथ पर बढ़ते हुए संघ निरंतर इस राष्ट्र को चहुँमुखी प्रगति के शिखर पर पहुँचाने की ओर अग्रसर है। 🚩🚩जय संघ शक्ति, जय माँ भारती, वन्दे मातरम्
संजीव सन्मार्ग प्रकाशन की ओर से....

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