हमने न किया देश हित
तुमको भी न करने देंगे
नव विकास का मूल मंत्र
जनता को न पढ़ने देंगे
जो वस्तु हमारी हो न सके
न वो हाथ किसी के लगने देंगे
जी-तोड़ करो तुम देशहित
हम देश को उधर न तकने देंगे
अच्छाइयों की उजली किरणों से
बुराइयों की कालिमा न छँटने देंगे
खुद जुर्म का दामन थाम के हम
जुर्म के खिलाफ धरने देंगे
जो आग लगाई है हमने
न वो किसी ठौर बुझने देंगे
पाने को मनचाहा मुकाम
हम पाँव रिपु के न उखड़ने देंगे
गद्दार नजर आते जो तुम्हें
वो शक्ति हमारी सेना के
ये शक्ति न हम घटने देंगे
आतंक न हम मिटने देंगे।
#मालतीमिश्रा
तुमको भी न करने देंगे
नव विकास का मूल मंत्र
जनता को न पढ़ने देंगे
जो वस्तु हमारी हो न सके
न वो हाथ किसी के लगने देंगे
जी-तोड़ करो तुम देशहित
हम देश को उधर न तकने देंगे
अच्छाइयों की उजली किरणों से
बुराइयों की कालिमा न छँटने देंगे
खुद जुर्म का दामन थाम के हम
जुर्म के खिलाफ धरने देंगे
जो आग लगाई है हमने
न वो किसी ठौर बुझने देंगे
पाने को मनचाहा मुकाम
हम पाँव रिपु के न उखड़ने देंगे
गद्दार नजर आते जो तुम्हें
वो शक्ति हमारी सेना के
ये शक्ति न हम घटने देंगे
आतंक न हम मिटने देंगे।
#मालतीमिश्रा
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26.04.2018 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2952 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
सादर आभार दिलबाग विर्क जी
हटाएंतीक्ष्ण कटाक्ष
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना.
उम्दा लेखन कि शुभकामनायें
मेरे ब्लॉग पर भी पधारे कभी....
सस्नेह आभार रोहिताश जी।
हटाएंजरूर आपका ब्लॉग भी पढूँगी।🙏
उम्दा रचना
जवाब देंहटाएंगगन जी हार्दिक आभार। 🙏🙏
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