मंगलवार

*📚प्रेमचंद* ****************** *जन्म दिन के अवसर पर* प्रेमचंद (३१ जुलाई १८८० – ८ अक्टूबर १९३६) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।मूल नाम धनपत राय प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है।उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को...

शनिवार

आया सावन

आया सावन
जल भर भर ले आए मेघा घटा घिरी घनघोर दादुर मोर पपीहा बोले झींगुर करता शोर।। रिझरिम रिमझिम बरसे सावन लगे नाचने मोर टर टर करते दादुर निकले धूम मची चहुँओर ।। प्यास बुझी प्यासी धरती की मनहि रही हरषाय तप्त हृदय की तृषा मिटी अब हिय शीत हुआ जाय।। तड़ तड़ करती बूँदें देखो तरुवर...

गुरुवार

कैसा ये अधिकार है??

कैसा ये अधिकार है??
नारी को अधिकार चाहिए पुरुषों के समकक्ष या पुरुषों के समक्ष हे नारी मैं आज पूछती हूँ तुझसे कौन से अधिकार हैं जिनकी तू आकांक्षी है क्या है तेरे अधिकारों की परिभाषा क्या तेरे अधिकार आज सिर्फ कपड़ों तक सिमट कर रह गए क्यों तू सिर्फ अंग प्रदर्शन को ही अधिकारों की पहचान बना...

रविवार

मातृभाषा को नमन

मातृभाषा को नमन
मातृभाषा, मातृभूमि और माँ का कोई विकल्प नहीं इसकी सेवा से बढ़-चढ़कर दूजा कोई संकल्प नहीं नित उठ शीश नवा करके हम सब मिलकर वंदन करें मातृभूमि की पावन माटी का आओ अभिनंदन करें। इसी धरा पर करके क्रीड़ा पैरों पर अपने चलना सीखा जीवन का यह अनमोल धरोहर समता इसकी कहीं न दीखा शान...