शनिवार

जन्माष्टमी


जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ..
लो आ गई आज
माखन मिश्री वाली सुबह
वो दही हांडी की शाम
वो वसुदेव की मथुरा
वो नन्द बाबा का गाम
वो यमुना का कूल
वो कदंब की डारी
वो गोपियन का उलाहना
सुनती जसुमति महतारी
नटखट कन्हैया की
बंसी सुनती गैया
कान्हा की तुनक पर
रीझती यशोदा मैया
वो रास रचैया
कर छत्र पुरंदर धारी
कालिया के नथैया
मोहन त्रिपुरारी
कंश के हंता
गिरधारी भगवंता
आज फिर से
जरूरत है तुम्हारी
अन्याय अहंकार से
दुनिया पगी है
तुमसे ही कान्हा अब
आस लगी है
कलयुग का कंस कान्हा
सब पर है भारी
यह पाप धरा से
हरो हे मुरारी।।
मालती मिश्रा 'मयंती'✍️
चित्र.. साभार..गूगल से

2 टिप्‍पणियां:

Thanks For Visit Here.