बुधवार

समीक्षा- साँसों के अनुबंध

समीक्षा- साँसों के अनुबंध
समीक्षा पुस्तक- साँसों के अनुबंध कवयित्री- सारिका मुकेश प्रकाशक- संजीव प्रकाशन, नई दिल्ली समीक्षक- मालती मिश्रा 'मयंती' नदी के शांत स्थिर जल में एक कंकड़ गिरने से हलचल हो उठती है और इसकी तरंगें स्थिर जल को दूर तक झंकृत कर देती हैं, ठीक उसी प्रकार संवेदनशील मानव...

सोमवार

प्रकृति का नियम

प्रकृति का नियम
प्रकृति का नियम बदलाव प्रकृति का नियम है, ठहरी हुई जिंदगी हो या ठहरा हुआ पानी दोनों में ही विकार उत्पन्न हो जाना स्वाभाविक है। नदी सतत बहती रहती है इसीलिए उसका जल स्वच्छ होता है जबकि ठहरे होने के कारण तालाब का पानी कीचड़ और काई से युक्त होता है, किन्तु लगातार चलते रहने...

शनिवार

दिल में हिंदुस्तान है

दिल में हिंदुस्तान है
दिल में हिंदुस्तान है... भारत की धरती पर जन्में अरु पाई माँ की बोली माँ की मीठी बोली ने ही ममता की मिश्री घोली, मिश्री सी मीठी बोली में बसती हमारी जान है अपनी जुबाँ पर हिन्दी है अरु दिल में हिंदुस्तान है। जिस भाषा में मां ने हमको सुनाया गाकर लोरियां बिन सीखे जो बोल...

सोमवार

सौतेली मां

सौतेली मां
सौतेली माँ अनु आज छः महीने बाद ससुराल से आई है, घर में माँ के अलावा कोई नहीं है, फिरभी चारों ओर अपनापन बिखरा हुआ है। बेटी के लिए तो मायके की मिट्टी के कण-कण में ममता का अहसास होता है। न जाने क्यों शादी से पहले तो ऐसा अहसास कभी नहीं हुआ था अनु को जैसा अब हो रहा था। पहले...

रविवार

शिक्षक के अधिकार व कर्तव्य

शिक्षक के अधिकार व कर्तव्य
माता-पिता बच्चे को न सिर्फ जन्म देते हैं बल्कि पहले गुरु भी वही होते हैं। बच्चा जब दुनिया में आता है तब आसपास के वातावरण से, परिवार से, रिश्तों से तथा समाज व समाज के लोगों से उसका परिचय माँ ही करवाती है, वह बच्चे को जैसा बताती है वह वही मानता है, माँ ही बच्चे की उँगली...