शुक्रवार

मिलकर सब मनाएं दीवालीई

मिलकर सब मनाएँ दिवाली....

हाट और बाजार सजाया
चहुँदिशि में है रौनक छाया
जन-जन का है मन हरषाया
दीवाली का धूम मचाया

लक्ष्मी पूजन की तैयारी
में डूबी है नगरी सारी
घर का कोना-कोना धोया
हर रंग में खुशी संजोया

मिष्ठान्नों की सजी दुकानें
खील बताशे और खिलौने
बर्फी पेड़े रस मलाई
बालूशाही धूम मचाई

दीये कैंडल सजे सजाए
जो देखो सब मन को भाए
बिजली की जगमग सी लड़ियाँ
बम पटाखे और फुलझड़ियाँ

फूलों के गुलदस्ते भाएँ
खेल-खिलौने खूब लुभाएँ
आज रहे नहि कोई खाली
मिलकर सब मनाएँ दिवाली।।

मालती मिश्रा 'मयंती'✍️

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4 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२६ -१०-२०१९ ) को "आओ एक दीप जलाएं " ( चर्चा अंक - ३५०० ) पर भी होगी।
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।

    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  2. बहुत-बहुत धन्यवाद आ०

    जवाब देंहटाएं

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