मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मैं वर्षों की कैद से आज़ाद हो गई परंतु कोई ख़लिश सी भी है, मैं खुद ही समझ नहीं पा रही कि मुझे खुश होना चाहिए या उदास!! अपने मित्रों से दूर हुई हूँ। अभी कुछ समय पहले से तो उनसे तालमेल अच्छा बैठने लगा था और अभी ही उनसे हमेशा के लिए...
मेरा अध्यापन काल

Categories:
कहानी (आत्मकथा)