हिंदी हमारी मातृभाषा है किंतु अपने ही देश मे हमारी राष्टृभाषा की जो बेकदरी हो रही है उसे देख संतानों के होते हुए वृद्धाश्रम में जीने को मजबूर माँ की दशा आँखों के समक्ष प्रत्यक्ष हो जाती है | माँ अपनी संतान को अपना दूध पिलाकर ही नही अपने खून से सींचती है किंतु संतान...
हिंदी का दर्द
