गुरुवार

शत-शत नमन

शत-शत नमन
कितने ही घरों में अँधेरा हो गया सूख गया फिर दीयों का तेल उजड़ गई दुनिया उनकी जो हँसते मुसकाते रहे थे खेल देख कर आँसुओं का समंदर क्या आसमाँ भी न रोया होगा दूध से जो आँचल होता था गीला खून से कैसे उसे भिगोया होगा आँखों में लिए सुनहरे सपने जिसने चौथ का चाँद...

मंगलवार

अच्छाई और सच्चाई के मुकाबले बुराई और झूठ की संख्या बहुत अधिक होती है। इसका साक्षात्कार तो बार-बार होता रहता है। हम देश में सुरक्षित रहकर स्वतंत्रता पूर्वक अपना जीवन जीते हैं तो हमें अभिव्यक्ति की आज़ादी, सहिष्णुता-असहिष्णुता, दलित-अधिकार, अल्पसंख्यक आदि सबकुछ दिखाई देता...

रविवार

एक सफर ऐसा भी

एक सफर ऐसा भी
एक सफर ऐसा भी आजकल हर दिन अखबारों में, समाचार में लड़कियों के प्रति अमानवीयता की कोई न कोई ऐसी खबर अवश्य देखने-सुनने को मिल जाती है जो पुरुष वर्ग पर से हमारे विश्वास की नींव हिला देती है। ऐसी घटनाओं के कारण हर नजर में शक ऐसे घर कर चुकी है कि अब किसी भी अजनबी पर विश्वास...

शुक्रवार

अब न सहेंगे

अब न सहेंगे
सेना का अपमान हमसे अब सहन नहीं होगा, देश से गद्दारी का भार अब वहन नहीं होगा। नमक खाकर इसी देश का नमकहरामी करते हैं, सेंध लगाने वालों की दिन-रात गुलामी करते हैं। बचाने को इनको हर आपदा से अपनी जान पर जो खेल जाते हैं, चंद रूपयों में बेच के खुद को ये उन पर पत्थर बरसाते हैं। इनके...

गुरुवार

सेना के सम्मान में आ जाओ मैदान में 'एक आह्वाहन'

सेना के सम्मान में आ जाओ मैदान में 'एक आह्वाहन'
"सेना के सम्मान में आ जाओ मैदान में" (इंडिया गेट से लाला किले तक शान्ति मार्च ) 15 अप्रेल 2017, इंडिया गेट अमर जवान ज्योति के पास शाम 4 बजे एकत्रित होंगे और 5 बजे शान्ति पूर्वक पैदल यात्रा करेंगे लाला किले तक. जिस मार्ग पर सेना 26 जनवरी को परेड करती हैं देशभक्तों को आना...

मंगलवार

लेखनी वही जो स्वतंत्र हो बोले

लेखनी वही जो स्वतंत्र हो बोले
लेखनी वही जो स्वतंत्र हो बोले.... कलम और तलवार की शक्ति पर चर्चा तो हमेशा से होती आई है और इस बात पर कभी कोई मतभेद नहीं हुआ कि कलम की मार तलवार की मार से अधिक असरदार होती है यह बात आधुनिक समाज के लिए नयी नहीं है, सभी यह जानते हैं कि शब्दों के जख्म खंजर के घाव से अधिक...