गुरुवार

अलसाए दृग खोल भानु ने
पट खोला अंबर का
निरख-निरख के छवि तटनी में
मन मुदित हुआ दिनकर का
अगुवानी दिवाधीश की करने
तट पर विटप झुक आए
पथ में बिछा सुरभित पंखुड़ियाँ
कर मंगलगान हरषाए।
#मालतीमिश्रा

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