Posted By: Malti Mishra Leave a Reply अलसाए दृग खोल भानु ने पट खोला अंबर का निरख-निरख के छवि तटनी में मन मुदित हुआ दिनकर का अगुवानी दिवाधीश की करने तट पर विटप झुक आए पथ में बिछा सुरभित पंखुड़ियाँ कर मंगलगान हरषाए। #मालतीमिश्रा Tweet Share Share Share Share
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