हमने न किया देश हित
तुमको भी न करने देंगे
नव विकास का मूल मंत्र
जनता को न पढ़ने देंगे
जो वस्तु हमारी हो न सके
न वो हाथ किसी के लगने देंगे
जी-तोड़ करो तुम देशहित
हम देश को उधर न तकने देंगे
अच्छाइयों की उजली किरणों से
बुराइयों की कालिमा न छँटने देंगे
खुद जुर्म का दामन थाम...
आतंक का हाथ आंदोलन के साथ...
