हर हिंदुस्तानी के दिल में
बस हिंदुस्तान होना चाहिए
न कोई हिंदू न मुसलमान होना चाहिए
तिरंगे की शान में करे जो कोई गुस्ताखी
उनका फिर न कहीं
नामोनिशान होना चाहिए।
#मालत...
सोमवार
अधूरी कसमें...2
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Malti Mishra
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रात्रि का दूसरा प्रहर था, हड्डियाँ कंपकंपा देने वाली कड़ाके की ठंड, चारों ओर घनघोर अँधेरा था, हाथ को हाथ सुझाई नहीं दे रहा था; पतली-सी सड़क के दोनों ओर लंबे-लंबे पेड़ों की कतारें मानो अँधकार से बल पाकर दानव के समान झूमते हुए डरा रहे थे। पेड़ों की कतारों से बाहर नजर जाती...
मंगलवार
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Malti Mishra
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'माँ' तो बस माँ होती है।
संतान हँसे तो हँसती है
संतान के आँसू रोती है,
अपनी नींद तो त्याग दिया
संतान की नींद ही सोती है
'माँ' तो बस 'माँ' होती है।
संतान की पहचान बनाने में
अपना अस्तित्व जो खोती है
उसके भविष्य की ज्योति में
अपना अाज जलाती है
खुद के सपने त्याग के वो
संतान...
शुक्रवार
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Malti Mishra
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हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि आर्थिक रूप से समर्थ लोग अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दें ताकि गरीबों की मदद हो सके, बहुतों ने किया भी, इस बात को देखकर जहाँ खुशी होती है वहीं दूसरी ओर ये देखकर दुख भी होता है कि हमारे समाज में आर्थिक रूप से सम्पन्न ऐसे भी लोग हैं जो सर्वसंपन्न होते...
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Malti Mishra
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क्या चाह अभी क्या कल होगी
नही पता मानव मन को
चंद घड़ी में जीवन के
हालात बदल जाते हैं
पल-पल मानव मन में
भाव बदलते रहते हैं
संग-संग चलने वालों के भी
ज़ज़्बात बदल जाते हैं।
जुड़े हुए होते हैं जिनसे
गहरे रिश्ते जीवन के
टूटी एक कड़ी कोई तो
रिश्तों से प्यार फिसल जाते हैं
स्वार्थ...
गुरुवार
अधूरी कसमें
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Malti Mishra
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बाहर कड़ाके की ठंड थी, सुबह के साढ़े नौ बज चुके थे अपरा अभी भी रजाई से नहीं निकली थी। रविवार है तो ऑफिस की छुट्टी थी इसीलिए छुट्टी का भरपूर आनंद उठाना चाहती थी सुबह देर तक सोकर, पता नहीं कैसे कुछ लोग दस ग्यारह बजे तक सोते हैं! मेरी तो कमर दुखने लगी सोचती हुई वह उठ...