शनिवार

जब से तुम आए....

जब से तुम आए....
जब से तुम आए सत्ता में एक भला न काम किया क्यों न तुम्हारी करें खिलाफत हर दिशा में हलचल मचा दिया आराम पसंद तबके को भी काम में तुमने लगा दिया चैन की बंसी जहाँ थी बजती मचा वहाँ कोहराम दिया क्या कहने सरकारी दफ्तर के आजादी से सब जीते थे बिना काम ही चाय समोसे ऐश में जीवन बीते...

बुधवार

सावन आया

सावन आया
घिरी चारों दिशाओं में घटाएँ आज सावन की सखियाँ गाती हैं कजरी राग पिया के आवन की कृषक का बस यही सपना बदरी झूम-झूम बरसे प्यास धरती कि बुझ जाए खेत-खलिहान सब सरसे।। तपन धरती कि मिट जाए सखी मधुमास है आया कजरी और झूले संग विपदा केरल की लाया।। मालती मिश्रा 'मयंती'✍️ ...

शुक्रवार

स्तब्ध हूँ..... निःशब्द हूँ..... कंपकंपाती उँगलियाँ मैं लेखनी कैसे गहूँ श्रद्धा सुमन अर्पित करूँ बार-बार छलके नयन कर जोड़कर करती नमन सादर नमन भारत रतन मानवता के तुम द्योतक राष्ट्र चेतना के वाहक नव युग का तुमसे आरंभ भारत के तुम अटल स्तंभ कर जोड़कर करती नमन सादर...

मंगलवार

लहरा के तिरंगा भारत का

लहरा के तिरंगा भारत का
लहरा के तिरंगा भारत का हम आज यही जयगान करें, यह मातृभूमि गौरव अपना फिर क्यों न इसका मान करें। सिर मुकुट हिमालय है इसके सागर है चरण पखार रहा गंगा की पावन धारा में हर मानव मोक्ष निहार रहा, यह आन-बान और शान हमारी इससे ही पहचान मिली फिर ले हाथों में राष्ट्रध्वजा हम क्यों...

शनिवार

सभी साहित्यकार सादर आमंत्रित हैं

सभी साहित्यकार सादर आमंत्रित हैं
सभी साहित्यकार सादर आमंत्रित हैं आर्य लेखक परिषद् और साहित्य परिवार के संयुक्त तत्वावधान में अखिलभारतीय साहित्यकार सम्मलेन 1-2 सितंबर,  2018 (शनिवार एवं रविवार) विषय : वर्तमान लेखन और वैदिक वांग्मय स्थान: आर्यसमाज एवं गुरुकुल, आर्यनगर, पहाड़गंज रोड, नई दिल्ली रेलवे...

मंगलवार

यह दुनिया एक रंगमंच है हर मानव अभिनेता है जीते हैं सब वही पात्र जो ऊपर वाला देता है। चढ़ा मुखौटा जोकर का हम  दोहरा जीवन जी लेते हैं छिपा अश्क पलकों के पीछे बस अधरों से हँस देते हैं। अपने गम की कीमत पर लोगों में खुशियाँ बिखराना नहीं है आसां दुनिया...

रविवार

अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन हेतु सभी नवांकुर/प्रतिष्ठित साहित्यकार आमंत्रित

अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन हेतु सभी नवांकुर/प्रतिष्ठित साहित्यकार आमंत्रित
सभी साहित्यकार सादर आमंत्रित हैं ********************************************************************* आर्य लेखक परिषद् और साहित्य परिवार के संयक्त तत्वावधान में अखिलभारतीय साहित्यकार सम्मलेन 1-2 सितंबर,  2018 (शनिवार एवं रविवार) विषय : वर्तमान लेखन और वैदिक वांग्मय स्थान:...

शुक्रवार

मेरे बचपन का वो सावन

मेरे बचपन का वो सावन
संस्मरण सावन का पावन माह शुरू हो गया है, कई धार्मिक, पौराणिक कहानियाँ जुड़ी हुई हैं इस माह से। इस  पावस ऋतु की रिमझिम फुहार से पेड़-पौधे नहा-धोकर ऐसे खिले-खिले से प्रतीत होते हैं मानो बहुत लंबे समय के इंतजार से मुरझा कर बेजान हो चुकी प्रकृति में नव प्राण का संचार हो...