शुक्रवार

मैं देश के लिए जिया

मैं देश के लिए जिया
जिया मैं देश के लिए मरा मैं देश के लिए उठा मैं देश के लिए गिरा मैं देश के लिए जला मैं देश के लिए बुझा मैं देश के लिए ये जन्म देश के लिए हो मृत्यु देश के लिए चला मैं देश के लिए रुका मैं देश के लिए मैं भक्त देश के लिए आसक्त देश के लिए मालती मिश्रा 'मयंती' ...

बुधवार

वो नहीं आया

वो नहीं आया
 *वो नहीं आया* ठीक-ठीक तो याद नहीं पर नवंबर या दिसंबर का महीना था रात के करीब  साढ़े दस-ग्यारह बजे रहे थे, वैसे तो मार्केट में होने के कारण हमारी गली में दस बजे तक लोगों का आना-जाना लगा ही रहता है पर ठण्ड अधिक होने के कारण उस दिन गली सुनसान हो गई थी, मैं और...

मंगलवार

निशि

निशि
सौ वाट का बल्ब खपरैल की छत से लटकते हुए दस बाई दस के उस रसोई के लिए प्रयोग होने वाले कमरे को ही रोशन नहीं कर रहा था बल्कि दरवाजे के ऊपरी चौखट तक लटके होने के कारण भीतर के कमरे में भी दूसरे बल्ब की उपयोगिता को समाप्त कर रहा था। सर्दी ने अपनी उपस्थिति का अहसास कराना शुरु...

सोमवार

जाग हे नारी

जाग हे नारी
आज रो रही भारत माता व्यथा हृदय की किसे कहे नारी की लुटती अस्मत को देख आँख से लहू बहे मान तेरा अब तेरे हाथ है मत बन तू लाचार जाग हे नारी उठा ले अपने हाथों में तलवार।।  गिद्ध जटायु का वो जमाना बीत गया त्रेतायुग में गर्म मांस को खाने वाले मिलते हैं इस कलयुग में आएँगे...

गुरुवार

संस्मरण...'मौसी'

संस्मरण...'मौसी'
संस्मरण मौसी आज अचानक ही न जाने क्यों उस व्यक्तित्व की याद आई जो मेरे जीवन में माँ सी थीं। हालांकि आज वो इस दुनिया में प्रत्यक्ष रूप से नहीं हैं परंतु माँ की यादों के साथ उनकी यादें भी सदा मेरे हृदय में जीवित रहती हैं। आज तो मेरी माँ जिन्हें हम 'अम्मा' कहते हैं वो भी हमारे...

बुधवार

बालदिवस

बालदिवस
बालदिवस कंधे से बस्ता उतारकर सोफे पर फेंकते हुए बंटी ने माँ को बताया कि कल विद्यालय में बालदिवस मनाया जाएगा इसलिए सब बच्चों को फैन्सी ड्रेस पहनकर आना है। "माँ मैं क्या बनकर जाऊँ?" तब माँ उसे बाजार लेकर गई ताकि उसके लिए कोई ऐसी ड्रेस खरीद सके जिसमें बंटी कल सबसे अलग सबसे...

शुक्रवार

धूमिल होते धार्मिक त्योहार

धूमिल होते धार्मिक त्योहार
'धूमिल होते धार्मिक त्योहार'  हमारा देश 'त्योहारों का देश' कहा जाता है, सत्य भी है क्योंकि यहाँ धार्मिक मान्यताओं के आधार पर बहुत से तीज-त्योहार मनाए जाते हैं, हमारे प्रत्येक त्योहार के पीछे धार्मिक मान्यता होती है, यह तो हम जानते हैं किन्तु प्रत्येक मान्यता के पीछे...