फूलों का हकदार वही है,
तोड़ पहाड़ बहा दे झरना
उसके लिए मृदु धार बही है
धारा के विपरीत बहा जो
नई कहानी का रचनाकार वही है
प्यास बुझाए जो हर प्राणी के
पनघट का सरकार वही है
तूफानों से लड़-लड़कर
राह नई बना ले जो
नई ऊँचाई, नए कीर्ति की
यशगाथा का हकदार वही है।
मालती मिश्रा
अतिसुन्दर अभिव्यक्ति......💐💐
जवाब देंहटाएंअतिसुन्दर अभिव्यक्ति......💐💐
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर आने और आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए बहुत-बहुत आभार सत्यकाम गुप्ता जी
हटाएंAmazing poetry Maltiji! Two thumbs up!
जवाब देंहटाएंगीतांजलि मित्तल जी बहुत-बहुत आभार,नमन आपका
हटाएंगीतांजलि मित्तल जी बहुत-बहुत आभार,नमन आपका
हटाएंसंजय भास्कर जी बहुत-बहुत धन्यवाद मेरी रचना को शामिल करने और मुझे सूचित करने के लिए।
जवाब देंहटाएंसंजय भास्कर जी बहुत-बहुत धन्यवाद मेरी रचना को शामिल करने और मुझे सूचित करने के लिए।
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