बुधवार

मोदी जी आप कैसे सोते हैं...

मोदी जी आप कैसे सोते हो
वैसे तो जीवन के हर पल
देश के नाम ही होते हैं
फिरभी शत्रु आपके हर पल
नई साजिशें रचते हैं
देशभक्ति का चोला ओढ़े
शत्रु की सरपरस्ती करते हैं
हर दिन हर घड़ी आप
चक्रव्यूह में घिरे होते हैं
हे भारती तुम कैसे सोते हो..

जितना अधिक आप स्वयं को
देश हित में समर्पित करते हैं
उतना ही आप कुचक्रों के
घेरे में फँसते जाते हैं
देश के भीतर देश के बाहर
शत्रुदल बढ़ते जाते हैं
चोर-चोर मौसेरे भाई की
कथा सत्य कर दिखलाते हैं
हे भारत आप कैसे सोते हैं...

क्या उनसे भय न सताता आपको
जो हर सुबह नए चक्रव्यूहों रचते
क्या दिल नहीं घबराता आपका
जब अनीतिकारी कौरव घेरते हैं
कौन कृष्ण सारथी है आपका
कौन है सुरक्षा चक्र बनाता
क्या आप भी हम जनता के जैसे
हर पल आशंका में घिरे होते हैं
हे पार्थ आप कैसे सोते हैं....
मालती मिश्रा 'मयंती'

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