बुधवार

आओ सब मिल खेलें होली



आओ सब मिल खेलें होली 
खुशियों से सब भर लें झोली
लाल,गुलाबी,नीले,पीले 
खुशियों के सब रंग सजीले 
खेलो होरी ऐसे प्यारे 
खुशियों से सब हों मतवारे 
जाति-धर्म का भेद मिटा कर
प्रेम के रंग मे खेलें होली 
कहीं किसी का हृदय न दूखे 
आनंद भरी हो सबकी झोली 
प्रेम और सद्भाव का रंग हो 
स्नेह और एकता का पानी 
उड़े जब चहुँ दिशि ये रंग 
मिट जाए आपस की जंग 
उल्लास की कचरी सद्भाव की गुझिया
मिल कर खाएँ हर्ष की भजिया
खेल-खेल में रखें ध्यान 
पानी का न हो नुकसान
द्वेष घृणा सब आज मिटा दो
होलिका के संग इन्हें जला दो
मन मुदित हो बोले बारंबार
सुरक्षित हो सबका त्योहार 

होली की ढेरों बधाइयों के साथ....
मालती मिश्रा

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