मुफ्तखोरी विकास का मूलमंत्र या वोट का....
70 साल बाद भी यदि दलितों की स्थिति में सुधार नहीं आया तो इसका जिम्मेदार कौन है, सोचने की बात है...
यह भी सोचने का विषय है कि क्या मुफ्त की वस्तुएँ बाँटकर कर किसी वर्ग विशेष का विकास किया जा सकता है........?
यह कैसी विडंबना है...
मुफ्तखोरी विकास का मूलमंत्र या वोट का.....
