सोमवार

भारत की जय बोलेंगे

आजादी की बधाई देकर
हर व्यक्ति हर्षित होता है
हम स्वतंत्र देश के वासी हैं
यह सोचते गर्वित होता है
पर आजादी की कीमत क्या
कोई जाकर उनसे पूछे
जिसने इसको पाने के लिए
अपने लहू से धरती सींचे
होते न अगर सुखदेव भगत सिंह
तो लाखों शेर न जगते
चंद्रशेखर आजाद न होते तो 
हम कपड़े बुनते रहते
आज तिरंगा फहराने से 
पहले जरा समझ लो
आजादी के लिए चुकाई 
कीमत जरा परख लो
नहीं लजाओ आजादी के 
मस्तानों की कुर्बानी
छोड़ जाति-धर्म के झगड़े
सबकी एक हो बानी
बंद हो चुके हृदय द्वार को 
एक-दूजे के लिए खोलेंगे 
एक स्वर में मिलकर हम
अब भारत की जय बोलेंगे।।
जय हिंद.....

3 टिप्‍पणियां:

  1. ये भी सही है जय हिंद जय भारत

    मुल्क जात पात में बाँट रहा है
    विदेशी तलवों को चाट रहा है
    कैसे कह दूँ के आजाद हूँ मै
    दीमक भीतर से काट रहा है
    

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    उत्तर
    1. वाह भाई आपकी यह प्रतिक्रिया देशप्रेम के रंग में रही हुई खुशबू चहुँओर बिखेर रही
      जाति-धर्म के नाम पर बँटे हुए सपूतों की अंतर आत्मा को झंझोड़ रही
      बहुत ही सुंदर, जय भारत

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    2. वाह भाई आपकी यह प्रतिक्रिया देशप्रेम के रंग में रही हुई खुशबू चहुँओर बिखेर रही
      जाति-धर्म के नाम पर बँटे हुए सपूतों की अंतर आत्मा को झंझोड़ रही
      बहुत ही सुंदर, जय भारत

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