संस्मरण
यादों के पटल से 'मेरी दादी'
आज की विधा है संस्मरण यह जानकर मेरे मानसपटल पर सर्वप्रथम जो पहली और प्रभावशाली छवि अंकित हुई वो मेरी दादी जी की है। मैं अपनी दादी के साथ हमेशा नहीं रहती थी, क्योंकि मेरे बाबूजी की सरकारी नौकरी थी और इसीलिए हमारा पूरा परिवार यानि मैं...
संस्मरण
