पचास साल का युवा गर दिखाए राह तो
बुद्धि का विकास कब होगा इस देश में
जनता समाज सब भ्रम में ही फँस रहे
हर पल विष घुल रहा परिवेश में।।
रोज नए मुद्दे बनें नई ही कहानी बने
भक्षक ही घूम रहे रक्षक के वेश में।।
उचित अनुचित का खयाल बिसरा दिया
चापलूस चाटुकार मिले अभिषेक में।।
बुद्धि का विकास कब होगा इस देश में
जनता समाज सब भ्रम में ही फँस रहे
हर पल विष घुल रहा परिवेश में।।
रोज नए मुद्दे बनें नई ही कहानी बने
भक्षक ही घूम रहे रक्षक के वेश में।।
उचित अनुचित का खयाल बिसरा दिया
चापलूस चाटुकार मिले अभिषेक में।।
सही सही कटाक्ष है मीता कलम की धार बढती जा रही है ।
जवाब देंहटाएंसत्य का दर्पण, अप्रतिम।
आपकी प्रतिक्रिया हौसला बढ़ाती है मीता, आभार स्नेह बनाए रखने के लिए🙏🙏
हटाएंगहरा कटाक्ष है आज की राजनीति पर ... और सटीक लिखा है ...
जवाब देंहटाएंउत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत आभार आदरणीय🙏🙏🙏
हटाएं