शनिवार

विश्व पुस्तक मेला २०१९


*विश्व पुस्तक मेला २०१९*

प्रगति मैदान नई दिल्ली में प्रत्येक वर्ष विश्व पुस्तक मेला का वृहद् आयोजन किया जाता है, यह मेला राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एन.बी.टी.) अर्थात् नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। पिछले 41 वर्षों से इस मेले का आयोजन होता आ रहा है। इस वर्ष (2019) भी नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा भारतीय व्यापार संव‌र्द्धन परिषद (आइटीपीओ) के सहयोग से इसका आयोजन किया गया।
इस वर्ष मेले की थीम है- 'दिव्यांग जनों की पठन आवश्यकताएं।'
हॉल नं० 7 ई में थीम मंडप का निर्माण किया गया है। थीम को ध्यान में रखते हुए मेले के इस संस्करण का ध्यान ऑडियो, स्पर्शनीय, मूक और ब्रेल किताबों की प्रदर्शनियों के जरिए समावेशी ज्ञान के विचार को बढ़ावा देने के लिए ‘रीडर्स विद स्पेशल नीड्स’ पर है।
जो कि बेहद आकर्षक है तथा चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट व राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की तरफ से लगाए गए स्टॉल छोटे बच्चों व अभिभावकों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
अतिथि क्षेत्र का दर्जा देने के लिए शारजाह क्षेत्र को चुना गया है।
मेले में करीब 700 देशी व 20 के लगभग विदेशी प्रकाशकों की संख्या है। प्रतिदिन प्रकाशक अपने प्रकाशन की पुस्तकों का लोकार्पण करके लेखकों और कवियों का ध्यान आकृष्ट करने के साथ-साथ पाठकों की रुचियों का भी संवर्धन करने में रत हैं। यह मेला कवियों/लेखकों, छोटे बच्चों व अभिभावकों से लेकर स्कूल-कॉलेज के युवा तथा उम्रदराज पाठकों तक हर आयु-वर्ग के आकर्षण का केन्द्र है क्योंकि सभी को अपनी आवश्यकता और पसंद की सामग्री यहाँ सहजता से प्राप्त हो जाती है। हर वर्ष मेले में आने वालों के लिए कुछ न कुछ नया अवश्य होता है, इस बार भी कई ऐसे ही आकर्षण के केन्द्रों में से एक है 21 घंटे की बोलती रामायण तथा दूसरा प्रतिदिन दोपहर दो से शाम चार बजे के दौरान होने वाला फिल्मोत्सव भी है।
जैसे-जैसे मेले का समापन दिवस नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे मेले में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। मेले में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में रुचि रखने वालों के लिए अलग-अलग स्टॉल पर उनकी रुचि की सामग्री प्राप्य है। प्रतियोगी पुस्तकें तथा साहित्य संबंधी पुस्तकें हॉल नं०12 में उपलब्ध हैं तो धार्मिक आस्था वाले लोगों से गीताप्रेस स्टॉल भरा दिखता है। हॉल सं. 8 से 11 तथा 12 में सामान्य तथा व्यापार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सामाजिक विज्ञान और मानविकी से जुड़े पुस्तकों एवं सामग्रियों को देखने के लिए भीड़ उमड़ती दिखती है। पुस्तक मेले में लेखक एवं साहित्य मंच (ऑथर्स कॉर्नर) हमेशा ही व्यस्त दिखाई देता है, रोज ही भिन्न-भिन्न पुस्तकों का लोकार्पण तथा विभिन्न विषयों पर परिचर्चाओं के आयोजन होते हैं जो साहित्य में रुचि रखने वालों के आकर्षण के केन्द्र होते हैं।
शुक्रवार दिनांक 10 जनवरी 2019 भी पुस्तक लोकार्पण और परिचर्चा की दृष्टि से बहुत ही आकर्षक रहा। इस दिन एक ओर गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा की दो पुस्तकों 'राजधर्म और लोकधर्म' तथा 'लोकरंग में सराबोर' का लोकार्पण हुआ तथा दूसरी ओर
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से आयोजित परिचर्चा में अर्जुन पुरस्कार विजेता पैरा ओलंपियन 'राजिंदर सिंह', पैरा एथलीट 'मनप्रीत कौर' तथा 'परविंदर सिंह' ने अपनी-अपनी संघर्ष यात्रा से लोगों को अवगत कराया। इसी दिन वाणी प्रकाशन द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण में कुमार विश्वास ने अपनी प्रकाशित और आगामी पुस्तकों के विषय में जानकारी दी तथा हॉल नं० 8 के प्रथम तल स्थित ऑडिटोरियम में समदर्शी प्रकाशन नें भी मालती मिश्रा 'मयंती' की पुस्तक 'इंतजार' अतीत के पन्नों से' (कहानी-संग्रह) के साथ अपनी सात पुस्तकों का लोकार्पण किया।
साहित्य तक अधिकाधिक लोगों की पहुँच को सस्ता व सुगम बनाने के लिए इस बार टिकटों की दरें घटाई गई हैं तथा सुगमता को ध्यान में रखते हुए प्रगति मैदान के सभी एंट्री गेट के साथ-साथ दिल्ली के 50 चयनित मेट्रो स्टेशन पर टिकट उपलब्ध कराए गए हैं। अब लोगों को एंट्री की टिकट के लिए लंबी लाइन लगाने की आवश्यकता नहीं होती, यही कारण है कि गेट पर अधिकाधिक भीड़-भाड़ और शोरगुल नजर नहीं आता।
2019 का यह विश्व पुस्तक मेला बेहद आकर्षक और साहित्य प्रेमियों के लिए संतोषजनक और उल्लासपूर्ण होने के बाद भी यदि विगत वर्षों से तुलना करें तो आंशिक रूप फीकापन अवश्य है जिसका मुख्य कारण जगह की कमी है। प्रगति मैदान में काफी स्थान इस समय निर्माणाधीन होने के कारण पुस्तक मेले को इस वर्ष कम स्थान मिल पाया जिसके कारण हर वर्ष लगने वाले नक्षत्र के स्टॉल कहीं नजर नहीं आए इसलिए इससे जुड़ी सामग्रियों में रुचि रखने वालों को थोड़ी निराशा अवश्य हुई फिरभी साहित्य प्रेमियों की संतुष्टि के लिए यहाँ प्रचुर मात्रा में हर प्रकार की सामग्री उपलब्ध है।

मालती मिश्रा 'मयंती'

2 टिप्‍पणियां:

Thanks For Visit Here.