रविवार

मुक्तक

मुक्तक
मुक्तक कहीं पर शंख बजते है, कहीं आजान होते हैं। मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे यहाँ की शान होते हैं।। जहाँ नदियों का संगम भी प्रेम संदेश देता है। धर्म के नाम पर झगड़े,क्यों सुबहोशाम होते हैं।। वही धरती वही अंबर, खेत खलिहान होते हैं। वही झोंके पवन के हैं, जो सबको प्राण देते हैं।। वर्षा...

शुक्रवार

प्रसिद्धि की भूख' तकनीक की देन..

प्रसिद्धि की भूख' तकनीक की देन..
प्रसिद्धि की भूख' तकनीक की देन.. पहले समाज में दस-बीस प्रतिशत लोग ऐसे होते थे जो समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए प्रयत्नशील होते होंगे। वैसे समाज में अपनी पहचान, मान-सम्मान तो सभी को प्रिय होता है परंतु रोजी-रोटी, पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों से समय मिले...

शनिवार

पुरस्कार... भाग-5 (अंतिम भाग)

पुरस्कार... भाग-5 (अंतिम भाग)
प्रातःकालीन सभा की तैयारी हो रही थी, विद्यालय के पिछले भाग में खेल के मैदान में बच्चों को कक्षानुसार पंक्तियों में खड़ा किया जा रहा था। नंदिनी अपनी कक्षा के बच्चों की  पंक्ति सीधी करवा रही थी तभी चपरासी ने आकर कहा कि उसे डायरेक्टर सर बुला रहे हैं। वह तुरंत ऑफिस की...

गुरुवार

पुरस्कार... भाग- 4

पुरस्कार... भाग- 4
सत्र का पहला दिन था,नंदिनी के मन में कौतूहल था कि किसको किस कक्षा की कक्षाध्यापिका या कक्षाध्यापक बनाया जाएगा! "रिधिमा मैम आपको क्या लगता है इस बार आपको कौन सी क्लास मिलेगी?" नंदिनी से नहीं रहा गया तो उसने उत्सुकतावश एक अध्यापिका से पूछ ही लिया जो उस स्कूल में कई सालों...

बुधवार

फ्री पीरियड था तो नंदिनी कंप्यूटर लैब में बैठकर बच्चों की कॉपियाँ चेक कर रही थी तभी... "गुड मॉर्निंग नंदिनी मैम" कंप्यूटर लैब में प्रवेश करते हुए कंप्यूटर टीचर देवेश चौधरी बोले। "देवेश सर! गुड मॉर्निंग सर, हाऊ आर यू?" देवेश पिछले स्कूल में नंदिनी के सह अध्यापक रह चुके...

मंगलवार

पुरस्कार.... भाग- 2

पुरस्कार.... भाग- 2
नंदिनी ने बोल तो दिया कि आ जाएगी पर वह सोच में पड़ गई कि क्या करे...पृथ्वी सर से क्या कहे और अनुभव सर को भी मना नहीं करना चाहती क्योंकि उसने ही उनसे कहा था कि आपके स्कूल में कोई वैकेंसी हो तो बताइएगा, स्कूल की रैपुटेशन भी अच्छी है तो निश्चय ही वेतन भी यहाँ से ज्यादा...

सोमवार

पुरस्कार

पुरस्कार
कहीं दूर से कुत्ते के भौंकने की आवाजें आ रही थीं, नंदिनी ने सिर को तकिए से थोड़ा ऊँचा उठाकर खिड़की से बाहर की ओर देखा तो साफ नीले आसमान में दूर-दूर छिटके हुए इक्का-दुक्का से तारे नजर आ रहे थे। चाँद तो कहीं दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा था, दूर बहुमंजिला इमारतों की परछाइयाँ...

रविवार

पत्रिका 'आर्ष क्रान्ति पर मेरे समीक्षात्मक विचार'

पत्रिका 'आर्ष क्रान्ति पर मेरे समीक्षात्मक विचार'
*आर्ष क्रांति पर मेरे समीक्षात्मक विचार* कोरी कल्पनाओं और राजनीति के प्रभाव से जिस प्रकार आज समाज दिग्भ्रमित हो रहा है ऐसे में 'आर्य लेखक परिषद्' द्वारा प्रकाशित 'आर्ष क्रांति' अंधेरे में एक मशाल का कार्य करने में सक्षम है। इसका प्रथम अंक ही बेहद आकर्षक और ज्ञान का स्रोत...

मंगलवार

ट्रू टाइम्स में प्रकाशित मेरा आलेख..... 'साहित्यकार के साहित्यिक दायित्व' धन्यवाद ट्रू टाइम्स साहित्य सदा निष्पक्ष और सशक्त होता है, यह संस्कृतियों के रूप, गुण, धर्म की विवेचना करता है और  साहित्यकार साहित्य का वह साधक होता है जो शस्त्र बनकर साहित्य की रक्षा...

रविवार

मालती का "इंतज़ार"                   अवधेश कुमार 'अवध' पुस्तक : इंतज़ार (कहानी संग्रह) लेखिका : सुश्री मालती मिश्रा प्रकाशन : समदर्शी प्रकाशन, हरियाणा संस्करण : प्रथम, जून - 2018 मूल्य : रुपये 175/- मात्र जब से मानव ने...

गुरुवार

साहित्य भी आज़ाद कहाँ

साहित्य भी आज़ाद कहाँ
साहित्य सदा निष्पक्ष और सशक्त होता है, यह संस्कृतियों के रूप, गुण, धर्म की विवेचना करता है और  साहित्यकार साहित्य का वह साधक होता है जो शस्त्र बनकर साहित्य की रक्षा साहित्य के द्वारा ही करता है तथा इस साहित्य साधना के लिए वह लेखनी को अपना शस्त्र बनाता है। ऐसी स्थिति...

मंगलवार

शास्त्री और गांधी जयंती के अवसर पर

शास्त्री और गांधी जयंती के अवसर पर
देश के लाल 'लाल बहादुर शास्त्री' और बापू जी की जयंती के पावन अवसर पर दोनों को शत-शत वंदन🙏 ✍️ एक लाल है इस देश का तो दूजे इसके पिता बने, अपने मतानुसार दोनों ने, अपने-अपने कर्म चुने। सत्य अहिंसा का इक प्रेरक दूजा कर्मयोग सिखलाए, जय-जवान, जय-किसान का उद्घोष जन-जन तक फैलाए। स्वाधीन...