गुरुवार

जनता अब है जाग रही

जनता को मूर्ख मत समझो
जनता तो बहुत सयानी है,
अगर मूर्खाधिराज है कोई 
वो बस पप्पू अज्ञानी है।
चेत जा तू अब बदल तरीका
जनता अब है जाग रही,
नहला दहला राजा इक्का 
तेरे पत्ते सब भाँप रही।
असहिष्णुता, दलित विरोधी 
सूट बूट सब चाल चली,
फिर भी तेरेे मंसूबों की 
नहीं कहीं भी दाल गली।

मालती मिश्रा

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