बुधवार

जीवन पानी सा बहता जाए

जीवन पानी सा बहता है
ऊँची-नीची, टेढ़ी-मेढ़ी, 
कंकरीली-पथरीली सी
सँकरी कभी 
और कभी गहरी-उथली
आती बाधाएँ राहों में
पानी अपनी राह बनाता
लड़ता सारी बाधाओं से
अविरल धारा सम कर्मरत रह
हर प्रस्तर को पिघलाता जाए
जीवन पानी सा बहता जाए

आगे आए कष्टों का पर्वत
पर जीवन नहीं रुका करता
राह नई बनाने को
पर्वत काट गिराता है
पथ की दुर्गमता अधिक हो जितनी
प्रण उतना ही यह सबल बनाए
मंजिल अपनी पाने को 
नदिया सम
सागर से मिल जाने को
बाधाओं को परे हटाकर
नई डगर यह रचता जाए
जीवन पानी सा बहता जाए
मालती मिश्रा

7 टिप्‍पणियां:

  1. जीवन पानी सा निर्मल हो और गतिमय हो..इसी सुंदर कामना से नये वर्ष का आरम्भ हो..

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत-बहुत आभार अनीता जी, आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ

      हटाएं
    2. बहुत-बहुत आभार अनीता जी, आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ

      हटाएं

Thanks For Visit Here.