वह अकेला है
नितांत अकेला
कहने को उसके चारों ओर
लोगों का मेला सा है
पर फिर भी वह अकेला है
सभी रिश्ते हैं, रिश्तेदार है
पर सब के सब बीमार हैं
स्वार्थ की बीमारी ने सबको घेरा है
सबके दिलों में बस
लालच का डेरा है
नजरें सबकी बड़ी तेज
बटुए का वजन दूर से ही
भाँप लेते हैं
पर दिल कितना खाली है
इसका कोई न सवाली है
सबको बस चाहिए
देना किसी ने न सीखा
उसे क्या चाहिए
ये किसी को न दीखा
उसके सामने दूर दूर तक
फैला हुआ है गहन अंधकार
अंधकार
जो जितना बाहर है
उतना ही उसके भीतर है
मन में सवालों के बड़े-बड़े से
झाड़ खड़े हैं
जितना बाहर निकलने का
प्रयास करता
उतना ही और उलझता जाता
निरीह पड़ा हुआ
नितांत अकेला
सहसा अँधेरे में
उसे नोचने को आतुर
गिद्धों का झुंड टूट पड़ा
कोई कलाई तो कोई उँगली
कोई गर्दन
तो कोई दिल
नहीं
क्यों नहीं करता वह
प्रतिकार
क्यों नहीं बताता सबको
कि स्वार्थ की नींव पर
संबंधों के प्रासाद नहीं बना करते
पर इससे पहले
उसे समझना होगा
कि
संबंधों का महत्व
निभाने में है
भार समझ ढोने में नहीं।
नितांत अकेला
कहने को उसके चारों ओर
लोगों का मेला सा है
पर फिर भी वह अकेला है
सभी रिश्ते हैं, रिश्तेदार है
पर सब के सब बीमार हैं
स्वार्थ की बीमारी ने सबको घेरा है
सबके दिलों में बस
लालच का डेरा है
नजरें सबकी बड़ी तेज
बटुए का वजन दूर से ही
भाँप लेते हैं
पर दिल कितना खाली है
इसका कोई न सवाली है
सबको बस चाहिए
देना किसी ने न सीखा
उसे क्या चाहिए
ये किसी को न दीखा
उसके सामने दूर दूर तक
फैला हुआ है गहन अंधकार
अंधकार
जो जितना बाहर है
उतना ही उसके भीतर है
मन में सवालों के बड़े-बड़े से
झाड़ खड़े हैं
जितना बाहर निकलने का
प्रयास करता
उतना ही और उलझता जाता
निरीह पड़ा हुआ
नितांत अकेला
सहसा अँधेरे में
उसे नोचने को आतुर
गिद्धों का झुंड टूट पड़ा
कोई कलाई तो कोई उँगली
कोई गर्दन
तो कोई दिल
नहीं
क्यों नहीं करता वह
प्रतिकार
क्यों नहीं बताता सबको
कि स्वार्थ की नींव पर
संबंधों के प्रासाद नहीं बना करते
पर इससे पहले
उसे समझना होगा
कि
संबंधों का महत्व
निभाने में है
भार समझ ढोने में नहीं।
मालती मिश्रा
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 06 दिसम्बर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंदिग्विजय अग्रवाल जी बहुत-बहुत आभार।
हटाएंदिग्विजय अग्रवाल जी बहुत-बहुत आभार।
हटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंसतीश सक्सेना जी बहुत-बहुत आभार।
हटाएंसतीश सक्सेना जी बहुत-बहुत आभार।
हटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंदेव चौधरी जी बहुत-बहुत आभार।
हटाएंदेव चौधरी जी बहुत-बहुत आभार।
हटाएं