सोमवार

सीमा के प्रहरी महाराज पुरु

सीमा के प्रहरी महाराज पुरु
 सीमा के प्रहरी 'महाराज पुरु'भारत का इतिहास अपने कई ऐसे महान शासकों के गौरव से आलोकित रहा है, जिनके शौर्य और पराक्रम का लोहा पूरी दुनिया ने माना। ऐसे ही महान शासकों में एक नाम पुरुवंशी महाराज पुरुषोत्तम अर्थात् पुरु का लिया जाता है। जिन्हें यूनानी इतिहासकार पोरस कहते...

गुरुवार

मेरे रोम-रोम में भारत है..

मेरे रोम-रोम में भारत है..
 मेरे रोम-रोम में भारत है..मेरे रोम-रोम में भारत है, हर धड़कन में जन गण मन,बना रहे सम्मान देश का, कर दूँ अर्पण तन-मन -धन।आँख उठाकर देखेगा जो, दुर्भावना धारण करनहीं देखने लायक होगा, फिर कुछ भी वह जीवन भर,वीर जवान हैं इसके प्रहरी, पहरा देते सीमा...

रविवार

पावन उद्देश्य की पहल है- 'इनसे हैं हम'

 पावन उद्देश्य की पहल है- 'इनसे हैं हम'हमारे देश की सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक और भौगौलिक आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले इक्यावन गौरवशाली पूर्वजों की गौरवगाथा को प्राप्त करके अत्यंत गौरवान्वित अनुभव कर रही हूँ।जिस प्रकार समस्त...

शनिवार

खौफ की वो रात

खौफ की वो रात
 खौफ की वो रात..दूर-दूर तक खाली सड़क थी, कहीं-कहीं बर्फ जमी हुई और कहीं पिघलती हुई, दायीं ओर बादलों की चादर ओढ़े ऊँचे-ऊँचे पहाड़ और पहाड़ों से चादर खींचकर नीचे की ओर भागते-उतरते पेड़-पौधे और झाड़ियाँ। ऐसा लगता मानों बादलों और धुँध के चादर के छोटे-छोटे टुकड़े उनके भी...

मंगलवार

अधूरी कसमें (कहानी संग्रह) की समीक्षा

अधूरी कसमें (कहानी संग्रह) की समीक्षा
 “मैं दूसरी बिंदू नहीं बन सकती, इसलिए जा रही हूँ” -मालती मिश्रा(पुस्तक समीक्षा)अधूरी कसमें- मालती मिश्रा (9891616087)                    ISBN No. : 978-81-909863-0-4             ...

रविवार

संस्कारों का पतन नहीं है फेमिनिज्म

संस्कारों का पतन नहीं है फेमिनिज्म
 कहानी- *संस्कारों का पतन नहीं है फेमिनिज़्म*गाड़ी धीरे-धीरे सरकते हुए प्लेटफार्म पर रुक गई। सभी यात्री जल्दी-जल्दी अपने भारी-भरकम लगेज़ के साथ एक-दूसरे को धकियाते हुए उतरने लगे। वह सबके पीछे-पीछे चलती हुई कंपार्टमेंट के दरवाजे तक आई और प्लेटफ़ॉर्म की भीड़ देखकर मन...

शुक्रवार

मकरसंक्रांति

मकरसंक्रांति
 मकरसंक्रांति हमारे देश में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों के पीछे न सिर्फ धार्मिक एवं पौराणिक मान्यताएँ होती हैं बल्कि इन सभी त्योहारों के पीछे सामाजिक, वैज्ञानिक, आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण भी जुड़े होते हैं।हम सभी इनके पीछे जुड़े कारणों की जानकारी के...

भारतीय पर्वों का महत्व

भारतीय पर्वों का महत्व
 पर्वों का महत्व मानव शरीर भी एक मशीन होता है, यह भी मशीनों की भाँति कार्य करता है किन्तु मशीन और मनुष्य में बहुत बड़ा अंतर होता है वह अंतर है- भावनाओं का, अहसासों का, सोचने-समझने, महसूस करने और निर्णय लेने की शक्ति का। मशीनों में ये गुण नहीं हुआ करते इसीलिए वे...

रविवार

मनहरण घनाक्षरी

मनहरण घनाक्षरी
 माना हम डूब गए, दुख के भँवर बीचआया नहीं कोई जो कि, हमको उबार ले।सुख में सभी थे साथी, कुत्ते, बिल्ली, घोड़े हाथी,दुख में अकेले फिरे, मन में गुबार ले।कहाँ-कहाँ भटके हैं, कैसे बतलाएँ हमहर पल व्याकुल कि, गलती सुधार लें।संध्या-प्रात, दिवा-निशि, हरपल चाहा यही,पकड़ के हाथ...