मेरे रोम-रोम में भारत है..
मेरे रोम-रोम में भारत है,
हर धड़कन में जन गण मन,
बना रहे सम्मान देश का,
कर दूँ अर्पण तन-मन -धन।
आँख उठाकर देखेगा जो,
दुर्भावना धारण कर
नहीं देखने लायक होगा,
फिर कुछ भी वह जीवन भर,
वीर जवान हैं इसके प्रहरी,
पहरा देते सीमा पर
तज मोह अपनी माता का,
हुए कुर्बान भारत माँ पर।
हाथों में उठाए ध्वज देश का,
गाते हैं मिल जन-गण-मन,
बना रहे सम्मान देश का,
कर दूँ अर्पण तन-मन-धन।
*मालती मिश्रा 'मयंती'*✍️
चित्र- साभार गूगल से
0 Comments:
Thanks For Visit Here.