PM मोदी लखनऊ के ऐश बाग रामलीला में सम्मिलित होने गए, लखनऊ की जनता के लिए यह हर्ष का अवसर रहा किंतु राजनीतिक पार्टियों के सदस्यों के सीने पर साँप लोट गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से अतिथि सत्कार तो हुआ नहीं चूहे की तरह अपने बिल में दुबक कर प्रेस कांफ्रेस करके कहते हैं कि प्रधानमंत्री राजनीति करने आए हैं। रावण दहन के समय पर रावण का वध करने वाले श्री राम का जयकारा ही लगाया जाता है ये बच्चा-बच्चा जानता है लेकिन हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने "जय श्री राम" का जयकारा लगा दिया तो विपक्ष में हड़कंप मच गया कि मोदी जी राम मंदिर का मुद्दा उठाने के लिए "जय श्री राम" बोले। विपक्ष के सभी नेता चिल्ला रहे मोदी जी लखनऊ क्यों गए? यह धार्मिक राजनीति है...आदि आदि..... जब ये सभी नेता हिंदू होते हुए भी ईद पर "इफ़्तार" की पार्टी का भव्य आयोजन करते हैं तब यह धर्म की राजनीति नहीं होती? लेकिन हमारे देश के प्रधानमंत्री हिंदू होते हुए भी यदि "जय श्री राम" बोल दें तो यह धर्म की राजनीति हो गई, भई वाह!!!!!
विपक्ष जनता के लिए हँसने-रोने, चिल्लाने, खुलेआम वोट के लिए लैपटॉप और स्मार्ट फोन की रिश्वत देने आदि की घटिया राजनीति कर सकता है तो बीजेपी की राजनीति से क्यों परेशानी होती है??? राहुल गाँधी गाँव-कस्बे में जाकर खाट पर बैठकर सभा करके आए हैं किसानों के लिए अचानक साठ सालों के बाद उनकी चिंता जाग पड़ी कम से कम यह घटिया राजनीति तो हमारे PM नही करते....
विपक्ष के कुछ नेता कहते हैं कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद आंतरिक कलह बढ़ा है.....ऐसे में मैं ऐसे नेता को मूर्ख ही कहूँगी....आप लोगों को क्या लगता है जनता अंधी है....क्या जनता नहीं जानती कि आंतरिक कलह करने वाला कौन है? रोहित वेमुला, अखलाक, कन्हैया का जन्मदाता कौन है? विकास को मुद्दा बनाने वाली एक पार्टी के खिलाफ सारी बुराइयाँ मिलकर एकजुट हो गई हैं और जीतने के लिए आप लोग माफिया तक को टिकट देने से बाज नहीं आते फिर सिर्फ बीजेपी की राजनीति से परेशानी क्यों है। आपकी बौखलाहट को साफ देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी जी का लखनऊ रामलीला में जाना चाहे राजनीति न रहा हो, उसे राजनीतिक रूप तो विपक्ष ने दे दिया। हमारे प्रधानमंत्री बहुत दूरदर्शी हैं, उन्हें यह तो पहले से ही पता होगा कि उनके इस दौरे का प्रचार-प्रसार तो विपक्ष ही कर देगा उन्हें कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
विपक्ष जनता के लिए हँसने-रोने, चिल्लाने, खुलेआम वोट के लिए लैपटॉप और स्मार्ट फोन की रिश्वत देने आदि की घटिया राजनीति कर सकता है तो बीजेपी की राजनीति से क्यों परेशानी होती है??? राहुल गाँधी गाँव-कस्बे में जाकर खाट पर बैठकर सभा करके आए हैं किसानों के लिए अचानक साठ सालों के बाद उनकी चिंता जाग पड़ी कम से कम यह घटिया राजनीति तो हमारे PM नही करते....
विपक्ष के कुछ नेता कहते हैं कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद आंतरिक कलह बढ़ा है.....ऐसे में मैं ऐसे नेता को मूर्ख ही कहूँगी....आप लोगों को क्या लगता है जनता अंधी है....क्या जनता नहीं जानती कि आंतरिक कलह करने वाला कौन है? रोहित वेमुला, अखलाक, कन्हैया का जन्मदाता कौन है? विकास को मुद्दा बनाने वाली एक पार्टी के खिलाफ सारी बुराइयाँ मिलकर एकजुट हो गई हैं और जीतने के लिए आप लोग माफिया तक को टिकट देने से बाज नहीं आते फिर सिर्फ बीजेपी की राजनीति से परेशानी क्यों है। आपकी बौखलाहट को साफ देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी जी का लखनऊ रामलीला में जाना चाहे राजनीति न रहा हो, उसे राजनीतिक रूप तो विपक्ष ने दे दिया। हमारे प्रधानमंत्री बहुत दूरदर्शी हैं, उन्हें यह तो पहले से ही पता होगा कि उनके इस दौरे का प्रचार-प्रसार तो विपक्ष ही कर देगा उन्हें कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13-10-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2494{ चुप्पियाँ ही बेहतर } में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
Dilbag Virk जी बहुत-बहुत धन्यवाद।
हटाएंDilbag Virk जी बहुत-बहुत धन्यवाद।
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