गुरुवार

सरस्वती वंदना

वीणापाणि मात मेरी करती आराधना मैं
आन बसो हिय मेरे ज्ञान भर दीजिए।।

समर्पित कर रही श्रद्धा के सुमन मात
अरज मेरी ये आप सवीकार कीजिए।।

बन कृपा बरसो माँ लेखनी विराजो मेरे
अविरल ज्ञान गंगा बन बहा कीजिए।।

यश गाथा गाय रही तुमको बुलाय रही
सुनो मात अरजी न देर अब कीजिए।।
#मालतीमिश्रा

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11 टिप्‍पणियां:

  1. जय माँ सरस्वती
    उम्दा रचना है

    स्वागत है जी आपका यहाँ खैर 

    ब्लॉग अच्छा लेगे तो मित्रता की शुरुवात भी कीजियेगा
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद रोहितास जी, आपका ब्लॉग देखा अच्छा लगा।

      हटाएं
  2. बहुत सुंदर वंदना मां सरस्वती की अंतर से निकली आवाज।
    नमन मा वीणावादिनी।

    जवाब देंहटाएं
  3. माँ शारदे को कोटि - कोटि नमन !!!सुंदर ब्जव्पूर्ण वंदन माँ का | हार्दिक शुभकामनाये !!!!!!!!!

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर आराधना माँ शारदे की आदरणिया अनुजा

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर
    माँ शारदे की कृपा बनी रहे

    जवाब देंहटाएं
  6. वीणा वादिनी के चरणों में वंदन है ये रचना ...
    माँ की कृपा बनी रहे ...

    जवाब देंहटाएं

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