मंगलवार

शास्त्री और गांधी जयंती के अवसर पर

देश के लाल 'लाल बहादुर शास्त्री' और बापू जी की जयंती के पावन अवसर पर दोनों को शत-शत वंदन🙏

✍️
एक लाल है इस देश का तो दूजे इसके पिता बने,
अपने मतानुसार दोनों ने, अपने-अपने कर्म चुने।
सत्य अहिंसा का इक प्रेरक दूजा कर्मयोग सिखलाए,
जय-जवान, जय-किसान का उद्घोष जन-जन तक फैलाए।
स्वाधीन स्वावलंबी देश हो दोनों का बस लक्ष्य यही,
तन मन धन सब था अर्पित कि गौरवशाली हो मातृमही।
सत्य अहिंसा का नारा सुनने में अच्छा लगता है,
किन्तु आज की है सच्चाई झूठ ही सच्चा लगता है।
जो तुमको यूँ अपना कहकर अपनी दुकान चलाते हैं,
हिंसा और असत्य को आज वही हथियार बनाते हैं।
अच्छा हुआ तुम नहीं धरा पर आज यहाँ हो बापू जी,
देख दशा इस कर्मभूमि की रोते खून के आँसू जी।
जगह-जगह कचरा फैलाकर भारत को शर्मिंदा करते,
स्वच्छता के प्रेरक बापू के जन्मदिवस का दम भरते।

मालती मिश्रा 'मयंती'✍️

Related Posts:

  • कैसा ये अधिकार है?? नारी को अधिकार चाहिए पुरुषों के समकक्ष या पुरुषों के समक्ष हे नारी … Read More
  • मातृभाषा को नमन मातृभाषा, मातृभूमि और माँ का कोई विकल्प नहीं इसकी सेवा से बढ़-चढ़क… Read More
  • आया सावन जल भर भर ले आए मेघा घटा घिरी घनघोर दादुर मोर पपीहा बोले झींगुर करता … Read More
  • *📚प्रेमचंद* ****************** *जन्म दिन के अवसर पर* प्रेमचंद (३१ जु… Read More

5 टिप्‍पणियां:

Thanks For Visit Here.