बातों का बतंगड़ बनते मैने बहुत देखा है,
इसीलिए मेरी बातों को सीमित करती रेखा है।
मुझसे जो भी प्रश्न हों करने समक्ष आकर पूछ डालो,
अपनी हर शंका का निदान सीधे मुझसे कर डालो।
गर इधर-उधर भटकोगे तो एक की चार बातें होंगी,
सही उत्तर की खोज में बातों की भूल-भुलैया होगी।
जहाँ...
पहले तोलो फिर बोलो
