शनिवार

भक्ति जगाय दीजिए

शारदे की पूजा करूँ काम नहीं दूजा करूँ
भक्ति ऐसी मेरे हिय में जगाय दीजिए।।

साथ दे जो हर घड़ी कभी न अकेला छोड़े
धर्म पथ पर कोई वो सहाय दीजिए।।

लेखनी का शस्त्र धरूँ अशिक्षा पे वार करूँ।
ज्ञान दीप मेरे हिय में जलाय दीजिए।।

शिक्षा जो ग्रहण किया सभी में मैं बाँट सकूँ
मानव का धर्म हमें बतलाय दीजीए।।
#मालतीमिश्रा

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6 टिप्‍पणियां:

  1. वाह !!!बहुत खूबसूरत।

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    1. नीतू जी सादर आभार
      मातृ दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ।

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  2. बहुत सुंदर स्तुति सदा मां का वरदहस्त आप पर रहे।

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    उत्तर
    1. मीता स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए बहुत-बहुत आभार

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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