बुधवार

चौपाई

'चौपाई'

सिद्ध करने अपनी प्रभुताई,
मानव ने हर विधि अपनाई।
स्वर्ण चमक में प्रकृति को भूला,
नष्ट किया वन संपदा समूला।

सूर्यदेव ने रूप दिखाया,
किरणों से शोले बरसाया।
धारण किया रूप विकराला,
उठती लपटें अधिक विशाला।

नाना विधि सब कर कर हारे,
त्राहि-त्राहि सब मनुज पुकारे।
स्वहित में जिसे खूब चलाई,
भयवश वो बुद्धि काम न आई।।
#मालतीमिश्रा

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6 टिप्‍पणियां:

  1. वाह वाह
    आदरणीया मालती जी
    बेहद सुंदर सटीक लाजवाब 👌

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  2. उत्तर
    1. आभार योगेश जी, ब्लॉग पर आपका स्वागत है💐💐💐💐💐

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  3. वाहः बेहद खूबसूरत प्रस्तुति

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