🙏🙏🌺🌹सुप्रभात🌹🌺🙏🙏
श्याम चूनर रजनी की, तन से रहि बिलगाय
धरती देखो खिल रही, नव परिधान सजाय।।
नव परिधान सजाय, धरा का रूप सुनहरा
पुलकित पल्लव पुष्प,जिनपर भ्रमर का पहरा।।
मालती हर्षित हुई, खुशियाँ भइ अविराम
छवि देखी भोर की, खींच लिया चूनर श्याम।।
मालती मिश्रा, दिल्ली✍️
श्याम चूनर रजनी की, तन से रहि बिलगाय
धरती देखो खिल रही, नव परिधान सजाय।।
नव परिधान सजाय, धरा का रूप सुनहरा
पुलकित पल्लव पुष्प,जिनपर भ्रमर का पहरा।।
मालती हर्षित हुई, खुशियाँ भइ अविराम
छवि देखी भोर की, खींच लिया चूनर श्याम।।
मालती मिश्रा, दिल्ली✍️
वाह वाह लाजवाब ...सखी मालती इतनी पावं सी भोर ....नमन भोर श्याम सी या श्याम भोर से
जवाब देंहटाएंसुखद भाव सा सरस रहा राधे तो रतनारी चुनर श्याम पीताम्बर भास रहा !
मन में उतरे भाव भरे लेखनी में, ऐसा स्नेहिल आशीष आपकी टिप्पणियों में देखती मैं।🙏🙏🙏🙏🙏
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद नवीन जी
हटाएंसुंकोमल शब्दावली से सुसज्जित सुंदर रचना और उस पर बहन इंदिरा की अनुपम काव्यात्मक टिप्पणी रचना को चार चाँद लगा रही है | बहुत शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंसस्नेहाभिनन्दन रेनू जी
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआभा आ०अनुराधा जी
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