जीवन एक किताब है
इसके हर पन्ने पर लिखी
एक नई कहानी है
शैशवावस्था की किलकारियों से
सजा हुआ है इसका पहला पन्ना
खुशियों की हँसी
वो चहकती मचलती सी अठखेलियाँ
पन्ने के हर हरफ पर लिखी
एक नई गुनगुनाती सी लोरी
माँ का वो ममता भरा आँचल
लड़खड़ाते हुए कदमों को
मजबूत सहारा देती
पिता की उँगली का हर अहसास है
जीवन एक किताब है
इसके हर पन्ने पर लिखी है
एक नई कहानी
कभी बचपन तो कभी जवानी
सखियों संग के अलबेले से पल
कभी स्कूल कभी घर का चौबारा
कभी नदिया तो कभी वर्षा की धारा
स्कूल न जाने के बहाने ढूँढती
झूठ-मूठ के दर्द दिखाती
नए-नए स्वांग रचाते
वो खट्टे मीठे से अनोखे पल
पन्नो के हर शब्द बयाँ करते हैं
पल वो जो साथ नहीं आज हैं
जीवन एक किताब है....
इसके हर पन्ने पर लिखा
एक नया अध्याय है
कभी शिक्षित बनने का संकल्प
गुरुजी के उपदेश का पल
इसके हर लफ्जों में
वर्णित है जीवन का हर इम्तहान
कुछ कर गुजरने की ललक
मंजिल तय करने का पैमाना
आसमान को छूने की चाह
चंद्रमा को मुट्ठी में
बंद कर लेने की अभिलाषा
एक-एक लफ्ज में
लिखी संघर्ष की नई कहानी है
इसमें हर कहानी का आगाज़ है
जीवन एक किताब है.....
इसके हर लफ्जों से लरजती
आँखों की करुण पुकार
जिनको कहने से जिह्वा भी
करती है गुरेज
मन की विह्वलता और सांसों की
कमजोरी लिखी है
पन्ने-पन्ने पर अंकित है
सुख की सुबह और गम की रातें
खुशियों से पुलकित हृदय का
हर एक अहसास लिखा है
लाचारी के आँसुओं का
बिन माँगा हिसाब लिखा है
इसके हर पन्ने पर लिखा
जीवन का हर सोपान है
जीवन एक किताब है....
मालती मिश्रा
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