शुक्रवार

जीवन तुम पर वार दिया

नन्हें से कदम पहली बार उठे
पायल जिस आँगन पहली बार बजे
उस आँगन को भी बिसार दिया
अपना जीवन तुम पर वार दिया

जिस बाबुल से दुनिया में नाम मिला
जिस माँ से मेरा अस्तित्व जुड़ा
उन जन्मदाताओं का छोड़ प्यार दिया
यह जीवन तुम पर निसार किया

जिन भाई-बहनों संग किलोल किया
मीठी झड़पें और अठखेल किया
संग हँसने रोने की मीठी यादें वार दिया
तुम संग जीवन सँवार लिया

अपनी खुशियाँ, अपने सपने
लगता न थे वो कभी अपने
तुम्हारी आँखों के सपनो पर हार दिया
उन सपनों को अपना संसार दिया
मालती मिश्रा

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1 टिप्पणी:

  1. सर्व मांगल्य मांगल्येगौरी-सबका भला करने vaaliवाली.शिवे-भगवान शिव kiकी पत्नी,सर्वाध साधिके-सब से पूजित, शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते-हेभगवान शिव की पत्नी और विष्णु विष्णु की बहन मैं तुम्हारी स्तुति और तुम्हें नमस्कार करता हूँ—प्रस्तुति-अशोक
    हे देवी,तुम सफलता,बुद्धि,सांसारिक आनन्द और मुक्ति देने वाली hoहो ,मन्त्र ही तुम्हारा रुप हैं. हे महालक्ष्मी मैं तुम्हें प्रणाम करता hoon हूँ . प्रस्तुती-अशोक

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